:- --- महात्मागांधी जी ने रौलट एक्ट के विरुद्ध "सत्याग्रह " आरम्भ करने का निश्चय किया | सत्याग्रह का प्रारंभ सार्वजनिक हडताल के माध्यम से करते हुए 30 मार्च 1919 ई० में सम्पूर्ण देश में हड़ताल करने का निश्चय किया गया, किन्तु बाद में तिथि बदलकर 6 अप्रैल को कर दी गयी | 6 अप्रैल को सारे देश में शहरों और गावों में पूर्ण और अधिकांश शांतिपूर्ण से हड़ताल हुई | ब्रिटिश सरकार ने कुछ स्थानों की हिंसात्मक घटनाओं को आधार बनाकर दमनचक्र प्रारम्भ करते हुए 7 अप्रैल को महात्मागांधी जी को गिरफ्तार कर लिया | और 10 अप्रैल को पंजाब के दो प्रसिद्ध नेता "सत्यपाल और डा.किचलू " को धर्मशाला में नजरबंद करके अमृतसर से निष्कासन के आदेश दे दिए | जनता ने इसका विरोध किया और स्थिति तनावपूर्ण हो गयी | रौलट एक्ट और सरकार के इन कार्यों का विरोध करने के लिये 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियावाले बाग़ में एक सार्वजनिक सभा हुई | इस सभा में सैनिक शासन के प्रमुख जनरल डायर के द्वारा अनावश्यक और अंधाधुंध गोलियां चलायी गयी | जिसके परिणाम स्वरुप कम - से -कम 800 लोग मारें गए और 2000 गायल हुए , इसके बाद भी सै...