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राज्य क्या है ?What Is State?

राज्य का वास्तविक अर्थ किसी प्रांत से न होकर किसी समाज की राजनीतिक संरचना से है | वस्तुतः यह एक अमूर्त अवधारणा है अर्थात् इसे बौद्धिक स्तर पर समझा तो जा सकता है पर देखा नही जा सकता | उदाहरण के लिया , भारत की सरकार , संसद ,न्यायपालिका , राज्यों की सरकारें , नौकरशाही से जुड़े सभी अधिकारी की अग्रिम संरचना ही राज्य है | (भूभाग ) :- एक ऐसा निश्चित भोगौलिक प्रदेश होना चाहिए , जिस पर उस राज्य की सरकार अपनी क्रियाएं करती हो |  (जनसंख्याँ ) :-  राज्य होने  की  शर्त      है        की उसके भू-भाग परनिवास करने वाला एक ऐसा जनसमुदाय होना चाहिए जो राजनीतिक व्यवस्था के अनुसार संचालित होता हो |यदि जनसँख्या नही होगी तो राज्य का अस्तित्व निरर्थक हो जायेगा | (सरकार ) :- सरकार एक या एक से अधिक व्यक्तियों का वह समूह है जो व्यवहारिक स्तर पर राजनेतिक शक्तियों का प्रयोग करता है| 'राज्य ' और 'सरकार ' में यही अंतर है की राज्य एक अमूर्त संरचना है और जबकि सरकार मूर्त और उसकी व्यावहारिक अभिव्यक्ति |   (संप्रभुता ) :-यह राज्य का अत्यं...

ऐक्ट आफ़ सेटलमेंट 1781

                                        ऐक्ट आफ़ सेटलमेंट 1781            ➢  रेगुलेटिगं ऐक्ट की कमियों को दूर करने के लिए यह ऐक्ट लाया गया था। इसके तहत, कोलकाता की सरकार को बंगाल बिहार और उड़ीसा के लिये भी विधि निर्माण की शक्ति प्रदान की गयी।  ➢   इस अधिनियम का प्रमुख प्रावधान गवर्नर जनरल की परिषद तथा सर्वोच्च न्यायालय के बीच के संबंधों का सीमाकंन  करना था।  ➢   इस अधिनियम द्वारा सर्वोच्च न्यायालय पर यह रोक लगा दी गई कि वह कंपनी के कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर सकता है, जो उन्होंने एक सरकारी अधिकारी की हैसियत से की हो, अर्थात कंपनी के अधिकारी शासकीय रूप से किए गए अपने कार्य के लिए सर्वोच्च न्यायालय के कार्य क्षेत्र से बाहर हो गए।  ➢    न्यायालय की अपनी अज्ञाये तथा आदेश लागू करते समय सरकार को कानून बनाने तथा उसका क्रियान्वयन करते समय भारत के सामाजिक - धार्मिक रीति रिवाजों का सम्मान करने का निर्देश दि...

1773 Regulating Act

  1773 का  रेगुलेटिंग  एक्ट  :- इस अधिनियम के द्वारा भारत में कंपनी के शासन हेतु पहली बार एक लिखित संविधान प्रुँस्तुत किया गया | यह एक्ट 1773  में ब्रिटिश संसद द्वारा पास किया गया व  1774 में इसे लागू किया गया | इसी एक्ट द्वारा पहली बार कंपनी के प्रशासनिक और राजनैतिक कार्यो को मान्यता मिली ,साथ ही भारत में केन्द्रीय प्रशासन की नीव रखी गयी | इस अधिनियम के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार थे | ➤    कोर्ट  आफ डायरेक्टर का कार्यकाल 1 वर्ष के  स्थान पर  4 वर्ष कर दिया गया | ➤   कम्पनी   के डायरेक्टरो  को  कहा गया की वे  राजस्व से  सम्बंधित  सभी मामलों तथा दीवानी  और सैन्य प्रशासन के सम्बन्ध में किये गए सभी कार्यो से  सरकार को  अवगत करायेंगे | ➤   इस अधिनियम के द्वारा  बंगाल के गवर्नर को बंगाल के गवर्नर जनरल कहा जाने लगा  और इस एक्ट के तहत  बनने  वाले प्रथम गवर्नर जनरल "लार्ड वारेन हेस्टिंग "  को बनाया गया  ➤   गवर्नर जनरल की सहायता के लिए 4  सदस्...