राज्य का वास्तविक अर्थ किसी प्रांत से न होकर किसी समाज की राजनीतिक संरचना से है | वस्तुतः यह एक अमूर्त अवधारणा है अर्थात् इसे बौद्धिक स्तर पर समझा तो जा सकता है पर देखा नही जा सकता | उदाहरण के लिया , भारत की सरकार , संसद ,न्यायपालिका , राज्यों की सरकारें , नौकरशाही से जुड़े सभी अधिकारी की अग्रिम संरचना ही राज्य है | (भूभाग ) :- एक ऐसा निश्चित भोगौलिक प्रदेश होना चाहिए , जिस पर उस राज्य की सरकार अपनी क्रियाएं करती हो | (जनसंख्याँ ) :- राज्य होने की शर्त है की उसके भू-भाग परनिवास करने वाला एक ऐसा जनसमुदाय होना चाहिए जो राजनीतिक व्यवस्था के अनुसार संचालित होता हो |यदि जनसँख्या नही होगी तो राज्य का अस्तित्व निरर्थक हो जायेगा | (सरकार ) :- सरकार एक या एक से अधिक व्यक्तियों का वह समूह है जो व्यवहारिक स्तर पर राजनेतिक शक्तियों का प्रयोग करता है| 'राज्य ' और 'सरकार ' में यही अंतर है की राज्य एक अमूर्त संरचना है और जबकि सरकार मूर्त और उसकी व्यावहारिक अभिव्यक्ति | (संप्रभुता ) :-यह राज्य का अत्यं...