हे भारत के राम जगो, मैं तुम्हें जगाने आया हूं, सौ धर्मों का धर्म एक, बलिदान बताने आया हूं सुनो हिमालय कैद हुआ है, दुश्मन की जंजीरों में आज बता दो कितना पानी, है भारत के वीरो में, खड़ी शत्रु की फौज द्वार पर, आज तुम्हें ललकार रही, सोये सिंह जगो भारत के, माता तुम्हें पुकार रही. रण की भेरी बज रही, उठो मोह निद्रा त्यागो, पहला शीष चढाने वाले, मां के वीर पुत्र जागो. बलिदानों के वज्रदंड पर, देशभक्त की ध्वजा जगे, और रण के कंकण पहने है, वो राष्ट्रभक्त की भुजा जगे… अग्नि पंथ के पंथी जागो, शीष हथेली पर धरकर, जागो रक्त के भक्त लाडले, जागो सिर के सौदागर, खप्पर वाली काली जागे, जागे दुर्गा बर्बंडा, और रक्त बीज का रक्त चाटने, वाली जागे चामुंडा. नर मुंडों की माला वाला, जगे कपाली कैलाशी, रण की चंडी घर- घर नाचे, मौत कहे प्यासी-प्यासी, रावण का वध स्वयं करूंगा, कहने वाला राम जगे, और कौरव शेष न एक बचेगा, कहने वाला श्याम जगे. परशुराम का परशु जगे, रघुनन्दन का बाण जगे, यदुनंदन का चक्र जगे, अर्जुन का धनुष म...